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Showing posts from June 22, 2016

शाकाहारी बनो...!

महाराणा प्रताप को घास की रोटी अपने बच्चों के लिए सेंकनी पड़ी ...और उसे भी एक जंगली बिलाव झपट्टा मारकर ले भागा, उसके बाद पूरा परिवार भूखा सो गया.. . महाराणा की आँखों में आँसू आ गए....पर उन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की..!! . अब आप सभी बताइए.... . क्या जंगल में महाराणा प्रताप को चार खरगोश नहीं मिल रहे थे पकाने को ?? या उनका भाला एक भैंसा नहीं मार सकता था..?? . यह कथा भी सिद्ध करती है....महापुरुष,महायोद्धा भी मांसाहारी नहीं थे .।।" . कंद-मूल खाने वालों से मांसाहारी डरते थे।। पोरस जैसे शूर-वीर को नमन 'सिकंदर' करते थे॥ चौदह वर्षों तक खूंखारी वन में जिसका धाम था।। मन-मन्दिर में बसने वाला शाकाहारी राम था।। चाहते तो खा सकते थे वो मांस पशु के ढेरो में।। लेकिन उनको प्यार मिला ' शबरी' के जूठे बेरो में॥ चक्र सुदर्शन धारी थे गोवर्धन पर भारी थे॥ मुरली से वश करने वाले 'गिरधर' शाकाहारी थे॥ पर-सेवा, पर-प्रेम का परचम चोटी पर फहराया था।। निर्धन की कुटिया में जाकर जिसने मान बढाया था॥ सपने जिसने देखे थे मानवता के विस्तार के।।