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Showing posts from April 20, 2017

तुम्ही फार छान दिसता...

मॅडम ,  तुम्ही फार छान दिसता....  जितक्या छान दिसता ,  त्यापेक्षाही छान  तुम्ही हसता मॅडम...! 😊 तुमचंही एक घर असेल ,  नवरा असेल , सासू असेल ,  सासरा असेल , दीर असेल , घरात सारखी पिरपिर असेल जाऊ बाई जोरात असतील  नणंद बाई तोऱ्यात असतील  तुम्हाला छोटी छोटी  मुलं असतील ,  तुमच्या बागेत फुलं असतील   सर्वांसाठी तुम्ही  अहोरात्र झिजता ,  आणि तरीही ,  मॅडम तुम्ही फार छान दिसता   जितक्या छान दिसता , त्यापेक्षाही छान तुम्ही हसता ..... ! 😊 तुमच्याही घरात  भांड्याला भांडे लागत असणारच ,  कुणी आपुलकीने तर कुणी द्वेषाने वागणारच ! कुणी रुसणार ,  कुणी फुगणार , कुणी रागवणार ,  कुणी जागवणार , कुणी भरवणार ,  कुणी जिरवणार , मन मारून तुम्ही -- सगळ्यांचच मन राखता ! आणि तरीही ,  मॅडम तुम्ही  फार छान दिसता , जितक्या छान दिसता -- त्यापेक्षाही छान  तुम्ही हसता....!😊 सासऱ्याची एकादशी  सासूचा प्रदोष , नवरा म्हणतो मटण कर -- त्याचा काय दोष ? दीर म्हणतो गरम वाढा , नणंद म्हणते उष्टी काढा , आजेसासूची गोळीची वेळ ,  मुलं म्हणती आमच्याशी खेळ  नवऱ्याचाही असतो थाट , नखरे त्याचे सतराशे साठ . आल्या गेल्याचही तुम्ही  किती

प्रेरक कथा

"प्रेरक कथा"...👌👌👌🎈🎈🎈 एक मित्र नेअपनी बीवी की अलमारी खोली और एक सुनहरे कलर का पेकेट निकाला, उसने कहा कि "ये कोई साधारण पैकेट नहीं है..!" उसने पैकेट खोला और उसमें रखी बेहद खूबसूरत सिल्क की साड़ी और उसके साथ की ज्वेलरी को एकटक देखने लगा। ये हमने लिया था 8-9 साल पहले, जब हम पहली बार न्युयार्क गए थे, परन्तु उसने ये कभी पहनी नहीं क्योंकि वह इसे किसी खास मौके पर पहनना चाहती थी, और इसलिए इसे बचा कर रखा था। उसने उस पैकेट को भी दूसरे और कपड़ों के साथ अपनी बीवी की अर्थी के पास रख दिया, उसकी बीवी की मृत्यु अभी अचानक ही हुई थी। उसने रोते हुए मेरी और देखा और कहा- किसी भी खास मौके के लिए कभी भी कुछ भी मत बचा के रखना, जिंदगी का हर एक दिन खास मौका है, कल का कुछ भरोसा नहीं है। मुझे लगता है, उसकी उन बातों ने मेरी जिंदगी बदल दी। मित्रों अब मैं किसी बात की ज्यादा चिंता नहीं करता, अब मैं अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताता हूँ, और काम का कम टेंशन लेता हूँ। मुझे अब समझ में आ चुका है कि जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम है, डर-डर के, रूक-रूक के बहुत ज्यादा विचार करके चलने में समय आगे