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Showing posts from March 18, 2017

एक कविता

17/03/17, 12:08 AM - Vishakha Jogdand : चल, गिर, उठ, फिर चलता चल मंजिल को चूमने को मचलता चल। रोज आएँगी चुनौतियाँ नए रंग रूप लेकर, जीतने के लिए तू भी पैंतरे बदलता चल। जोश तो रहे मगर होश भी गुम न होने दे, प्रतिकूल वक्त में भी मत ठहरता चल। कच्चे सोने से बन पक्का सोना पहले, फिर तपिश सहकर जेवर में ढलता चल। विजेता बनकर भी रहना विनम्र यूँ ही तू, सिर झुकाकर तरक्की को कुबूलता चल। एक बात हमेशा याद रखना बेहतरीन दिनो के लिये बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है। जीवन की सबसे बुरी परिस्तिथियों को पार किये बिना कोई भी जिंदगी के सर्वोत्तम कोने को स्पर्श नहीं कर सकता। जीवन में किसी भी परिस्तिथि का सामना करने की हिम्मत रखें। . "Without Crossing the worst Situations, No One Can Touch the Best Corners of Life. Dare to Face Anything in life." सुप्रभात। आपका दिन मंगलमय हो।